Indian Constitution Amendment list in Hindi | भारतीय संविधान के महत्त्वपूर्ण संशोधन
संविधान संशोधन से तात्पर्य:-
किसी भी लिखे हुए कथन में परिवर्तन करना, पुराने कथन या शब्द को हटाना और उसके स्थान पर नया शब्द लाना संशोधन कहलाता है
संविधान संशोधन का उल्लेख:-
- अनुच्छेद 👉368
- भाग👉 20
- अवधारणा👉 दक्षिण अफ्रीका
संविधान संशोधन के प्रकार:-
- साधारण बहुमत
- विशेष बहुमत
- विशेष बहुमत और राज्य विधान मंडल द्वारा प्राप्त स्वीकृति
1. साधारण बहुमत
इस प्रकार के संविधान संशोधन में संसद में विधेयक को पारित करने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त की जाती है इसके बाद कानून बन जाता है परंतु कुछ विधियां ऐसे होते हैं जिन पर राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से कानून बनाया जा सकता है जैसे – राज्य के नाम में परिवर्तन, राज्य की सीमा क्षेत्र आदि में परिवर्तन, नागरिकता संबंधी संशोधन, अनुसूचित जाति जनजाति के संबंध में प्रशासन संबंधी संशोधन
2. विशेष बहुमत
इस प्रकार के संविधान संशोधन में संसद के दोनों सदनों में उपस्थित सदस्यों का दो तिहाई मतदान होना अनिवार्य है साथ में राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद कानून बना दिया जाता है न्यायपालिका तथा राज्यों के अधिकारों तथा शक्तियों जैसी कुछ विशिष्ट बातों को छोड़कर संविधान की अन्य सभी व्यवस्थाओं में इस प्रक्रिया द्वारा संशोधन किया जाता है
3. संसद के विशेष बहुमत एवं राज्य विधान मंडलों की स्वीकृति से
दोनों सदनों के विशेष बहुमत के साथ साथ राज्यों के कुछ विधान मंडलों में से आधे द्वारा स्वीकृति की आवश्यकता होती है जैसे – राष्ट्रपति का निर्वाचन, राष्ट्रपति के कार्य शक्ति, संघीय न्यायालय, राज्य का उच्च न्यायालय आदि
भारतीय संविधान के महत्त्वपूर्ण संशोधन – Indian Constitution Amendment list in Hindi |
---|
● पहला संशोधन (1951) — इस संशोधन द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया |
● दूसरा संशोधन (1952) — संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित किया गया। |
● सातवां संशोधन (1956) — इस संशोधन द्वारा राज्यों का अ, ब, स और द वर्गों में विभाजन समाप्त कर उन्हें 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों में विभक्त कर दिया गया। |
● दसवां संशोधन (1961) — दादरा और नगर हवेली को भारतीय संघ में शामिल कर उन्हें संघीय क्षेत्र की स्थिति प्रदान की गई। |
● 12वां संशोधन (1962) — गोवा, दमन और दीव का भारतीय संघ में एकीकरण किया गया। |
● 13वां संशोधन (1962) — संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 (अ) जोड़ा गया, जिसमें नागालैंड के प्रशासन के लिए कुछ विशेष प्रावधान किए गए। 1दिसंबर, 1963 को नागालैंड को एक राज्य की स्थिति प्रदान कर दी गई। |
● 14वां संशोधन (1963) — पांडिचेरी को संघ राज्य क्षेत्र के रूप में प्रथम अनुसूची में जोड़ा गया तथा इन संघ राज्य क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश, गोवा, दमन और दीव, पांडिचेरी और मणिपुर) में विधानसभाओं की स्थापना की व्यवस्था की गई। |
● 21वां संशोधन (1967) — आठवीं अनुसूची में ‘सिंधी’ भाषा को जोड़ा गया। |
● 22वां संशोधन (1968) — संसद को मेघालय को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने तथा उसके लिए विधानमंडल और मंत्रिपरिषद का उपबंध करने की शक्ति प्रदान की गई। |
● 24वां संशोधन (1971) — संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन का अधिकार दिया गया। |
● 27वां संशोधन (1971) — उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र के पाँच राज्यों तत्कालीन असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर व त्रिपुरा तथा दो संघीय क्षेत्रों मिजोरम और अरुणालच प्रदेश का गठन किया गया तथा इनमें समन्वय और सहयोग के लिए एक ‘पूर्वोत्तर सीमांत परिषद्’ की स्थापना की गई। |
● 31वां संशोधन (1974) — लोकसभा की अधिकतम सदंस्य संख्या 545 निश्चित की गई। इनमें से 543 निर्वाचित व 2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होंगे। |
● 36वां संशोधन (1975) — सिक्किम को भारतीय संघ में 22वें राज्य के रूप में प्रवेश दिया गया। |
● 37वां संशोधन (1975) — अरुणाचल प्रदेश में व्यवस्थापिका तथा मंत्रिपरिषद् की स्थापना की गई। |
● 42वां संशोधन (1976) — इसे ‘लघु संविधान’ (Mini Constitution) की संज्ञा प्रदान की गई है। — इसके द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’, ‘समाजवादी’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े गए। — इसके द्वारा अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की व्यवस्था करते हुए नागरिकों के 10 मूल कर्त्तव्य निश्चित किए गए। — लोकसभा तथा विधानसभाओं के कार्यकाल में एक वर्ष की वृद्धि की गई। — नीति-निर्देशक तत्वों में कुछ नवीन तत्व जोड़े गए। — इसके द्वारा शिक्षा, नाप-तौल, वन और जंगली जानवर तथा पक्षियों की रक्षा, ये विषय राज्य सूची से निकालकर समवर्ती सूची में रख दिए गए। — यह व्यवस्था की गई कि अनुच्छेद 352 के अन्तर्गत आपातकाल संपूर्ण देश में लागू किया जा सकता है या देश के किसी एक या कुछ भागों के लिए। — संसद द्वारा किए गए संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वर्जित कर दिया गया। |
● 44वां संशोधन (1978) — संपत्ति के मूलाधिकार को समाप्त करके इसे विधिक अधिकार बना दिया गया। — लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं की अवधि पुनः 5 वर्ष कर दी गई। — राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष्ज्ञ के चुनाव विवादों की सुनवाई का अधिकार पुनः सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय को ही दे दिया गया। — मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रपति को जो भी परामर्श दिया जाएगा, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल को उस पर दोबारा विचार करने लिए कह सकेंगे लेकिन पुनर्विचार के बाद मंत्रिमंडल राष्ट्रपति को जो भी परामर्श देगा, राष्ट्रपति उस परामर्श को अनिवार्यतः स्वीकार करेंगे। — ‘व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार’ को शासन के द्वारा आपातकाल में भी स्थगित या सीमित नहीं किया जा सकता, आदि। |
● 52वां संशोधन (1985) — इस संशोधन द्वारा संविधान में दसवीं अनुसूची जोड़ी गई। इसके द्वारा राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगाने की चेष्टा की गई है। |
● 55वां संशोधन (1986) — अरुणाचल प्रदेश को भारतीय संघ के अन्तर्गत राज्य की दर्जा प्रदान की गई। |
● 56वां संशोधन (1987) — इसमें गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा देने तथा ‘दमन व दीव’ को नया संघीय क्षेत्र बनाने की व्यवस्था है। |
● 61वां संशोधन (1989) — मताधिकार के लिए न्यूनतम आवश्यक आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। |
● 65वां संशोधन (1990) — ‘अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयोग’ के गठन की व्यवस्था की गई। |
● 69वां संशोधन (1990) — दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाया गया |
● 71वांं संशोधन (1992) — आठवीं अनुसूची में कोंकणी, नेपाली और मणिपुरी भाषा को शामिल किया गया |
● 73वांं संशोधन (1992) — इसके अंतर्गत संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गई और पंचायती राज संबंधी प्रावधानों को शामिल किया गया। इस संशोधन के द्वारा संविधान में भाग 9 जोड़ा गया। इसमें अनुच्छेद 243 और अनुच्छेद 243 क से 243 ण तक अनुच्छेद हैं |
● 74वां संशोधन (1993) — इस संशोधन से संविधान में 12वीं अनुसूची जोड़ी गई। जिसमें नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों से संबंधित प्रावधान है। |
● 84वां संशोधन (2001) — इसके द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों की संख्या में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन ना करने का प्रावधान किया गया है |
● 86वां संशोधन (2002) — 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने का प्रावधान किया गया। इसे अनुच्छेद 21(क) के अंतर्गत संविधान में जोड़ा गया |
● 92वां संशोधन (2003) — आठवीं अनुसूची में डोगरी, बोडो, संथाली और मैथिली भाषाओं को जोड़ा गया |
● 101 वां संशोधन (2016) — जीएसटी बिल का प्रावधान |
● 103 वां संशोधन (2019) — ईडब्ल्यूएस सेक्शन के लिए 10% आरक्षण |
भारतीय संविधान नोट्स | Click Here |
Polity Quiz Practice | Click Here |