Gk Skill की इस पोस्ट में एम एस स्वामीनाथन (M S Swaminathan ) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए एम एस स्वामीनाथन (M S Swaminathan ) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । M S Swaminathan Biography and Interesting Facts in Hindi.
स्मरणीय बिंदु:-
- प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को “भारत में हरित क्रांति का अगुआ” माना जाता है
एम एस स्वामीनाथन की जीवनी ( M S Swaminathan Biography )
पूरा नाम – मंकोम्बो सम्बासीवन स्वामीनाथन
जन्म – 7 अगस्त, 1925
जन्म भूमि – कुंभकोणम, तमिलनाडु
पिता – एम.के. सांबशिवन
माता – पार्वती थंगम्मल सांबशिवन
एम एस स्वामीनाथन ( M S Swaminathan )
- पुरस्कार- उपाधि ‘पद्म श्री’, ‘पद्म भूषण’, ‘पद्म विभूषण’, ‘रेमन मैगसेसे पुरस्कार’, विश्व खाद्य पुरस्कार आदि।
- प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को “भारत में हरित क्रांति का अगुआ” माना जाता है। उनके प्रयत्नों का परिणाम यह है कि भारत की आबादी में प्रतिवर्ष पूरा एक ऑस्ट्रेलिया समा जाने के बाद भी खाद्यान्नों के मामले में वह आत्मनिर्भर बन चुका है।
- लंदन की रॉयल सोसायटी सहित विश्व की 14 प्रमुख विज्ञान परिषदों ने एम. एस. स्वामीनाथन को अपना मानद सदस्य चुना है। अनेक विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की उपाधियों से उन्हें सम्मानित किया है।
- एम. एस. स्वामीनाथन अनुवांशिकी विशेषज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय प्रशासक, जो भारत की ‘हरित क्रांति’ में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए विख्यात हैं।
- इन्होंने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूँ के संकर बीज विकसित किए थे। ‘हरित क्रांति’ कार्यक्रम के तहत ज़्यादा उपज देने वाले गेहूं और चावल के बीज ग़रीब किसानों के खेतों में लगाए गए थे।
- इस क्रांति ने भारत को दुनिया में खाद्यान्न की सर्वाधिक कमी वाले देश के कलंक से उबारकर 25 वर्ष से कम समय में आत्मनिर्भर बना दिया था।
- उस समय से भारत के कृषि पुनर्जागरण ने स्वामीनाथन को ‘कृषि क्रांति आंदोलन’ के वैज्ञानिक नेता के रूप में ख्याति दिलाई। उनके द्वारा सदाबाहर क्रांति की ओर उन्मुख अवलंबनीय कृषि की वकालत ने उन्हें अवलंबनीय खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में विश्व नेता का दर्जा दिलाया।
- एम. एस. स्वामीनाथन को ‘विज्ञान एवं अभियांत्रिकी’ के क्षेत्र में ‘भारत सरकार’ द्वारा सन 1967 में ‘पद्म श्री’, 1972 में ‘पद्म भूषण’ और 1989 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
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