Qutub Minar History In Hindi – qutub minar ke bare mein
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक मीनार है और यह एशिया की सबसे ऊंची मीनार भी है। इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर या 238 फीट है जो कि भारत की सबसे भव्य और मशहूर ऐतिहासिक इमारतों और मुख्य पर्यटन स्थलों शामिल है। इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1992 में करवाया गया था इसके आर्कषण की वजह से इसे यूनेस्कों की विश्व धरोहरों की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। आइए जानते हैं कुतुब मीनार के बारे में :–
कुतुब मीनार के बारे में – Qutub Minar Fact In Hindi
कुतबमीनार का निर्माण कब हुआ | 1192 में |
कुतुबमीनार का निर्माण किसने करवाया (Qutub Minar Kisne Banaya) | गुलाम वंश के शासक कुतुबद्धीन ऐबक नें |
कुतुब मीनार कहां स्थित है | दिल्ली भारत |
कुतुब मीनार का कार्य पूरा किसने करवाया था | इल्तुतमिश ने |
कुतुबमीनार के बारे में जानकारी – Qutub Minar information
- यह भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। इसकी कुल ऊंचाई 72.5 मीटर है और यह दुनिया की सबसे ऊंची पत्थर की मीनार है। यह मीनार 1192 ई. में बनी थी
- भारत की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है। यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है
- कुतुब मीनार में कुल 5 मंजिलें और 379 सीढ़ियाँ हैं जो 2.75 मीटर व्यास में नीचे से ऊपर तक जाती हैं।
- दिल्ली के पहले मुस्लिम एवं गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुबमीनार का निर्माण काम 1193 ईसवी में शुरु करवाया गया था
- कुतुबुद्धीन ऐबक के शासनकाल में कुतुब मीनार का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका था, जिसके बाद कुतुब मीनार की इमारत का निर्माण दिल्ली के सुल्तान एवं कुतुब-उद-दिन ऐबक के उत्तराधिकारी और पोते इल्तुमिश और फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था। जबकि इस मीनार के पुर्ननिर्माण का कार्य लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने करवाया था।
- अफगानिस्तान में जाम की मीनार को कुतुब मीनार के लिए प्रेरणा माना जाता है और इसे अंदर की वास्तुकला में देखा जा सकता है।
- पूरी दुनिया में कुतुब मीनार को सबसे ऊंची ईंटों से बनी मीनार माना जाता है कुतुब मीनार के आसपास कई ऐतिहासिक स्मारक और खूबसूरत उद्यान हैं।
- ग़ौरी राजवंश के सम्राट कुतुब-उद-दीन-ए-बक द्वारा अंतिम हिंदू शासक राजपूत पृथ्वीराज पर विजय के कारण इस मीनार का निर्माण किया गया था और इसे विजय की मीनार के रूप में भी जाना जाता है।
- 1993 में कुतुब मीनार को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई।
- कुतुब मीनार एक शानदार संरचना है जिसमें नक्काशी, अलंकृत बालकनियाँ और विभिन्न भाषाओं और युगों के शिलालेख हैं। इसकी मंजिलें 379 सीढ़ियों वाली एक सर्पिल सीढ़ी के माध्यम से जुड़ी हुई हैं। इसके अतिरिक्त, यह पहला मुस्लिम स्मारक है और यह भारतीय और इस्लामी दोनों शैलियों की वास्तुकला के तत्वों को मिलाकर इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक उदाहरण है
- मीनार में एक लौह स्तंभ है जिस पर ब्राह्मी लिपि में एक शिलालेख अंकित है।
- कुतुबमीनार के निर्माण में संगममर और लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया हैं।
- इन्डो-इस्लामिक शैली में बनाई गई कुतुब मीनार की लंबाई 73 मीटर लंबी है, जिसके अंदर गोलाकार करीब 379 सीढि़यां बनीं हुईं हैं, जो कि इस पूरी इमारत की ऊंचाई तक जाती हैं।
- कुतुब परिसर में कुतुबद्दीन ऐबक द्वारा बनाई गई हिन्दुस्तान की पहली मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम, मशहूर अलाई दरवाजा, इल्तुतमिश का मकबरा समेत एक लौह स्तंभ भी है।
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