Raj Ghat History in Hindi
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित एक स्मारक है। समय के साथ यह स्मारक राज घाट के रूप में जाना जाने लगा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल “राज घाट” के बारे में – Raj Ghat History in Hindi
- राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थल है राजघाट राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।
- राज घाट एक ऐसी जगह है जहां 31 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी की हत्या के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया था और इसलिए यमुना नदी की पवित्रता के बगल में उनका अंतिम विश्राम स्थान बना दिया गया
- राज घाट का निर्माण वानू जी. भूता नामक आर्किटेक्ट द्वारा किया गया था जिसमें महात्मा गांधी जी की जीवन की सादगी को दर्शाया गया था।
- उन्होंने राजघाट परिषद के बीचोबीच एक काला वर्गाकार समाधि का डिजाइन बनाया और उस पर बापू के अंतिम शब्द लिखे ‘हे राम’ ।
- भूपा ने समाधि के चारों तरफ काफी जगह हरियाली के लिए छोड़ी उनके डिजाइन पर 1956 में राजघाट बना
- एक सुंदर उद्यान का रूप ले चुका राजघाट पर सुंदर फुहारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं राजघाट परिषद की लैंडस्कैपिंग मेरठ में जन्मे एंग्लो इंडियन एलिश पर्सी लैंकस्टेर ने किया था वह भारत सरकार के बागवानी विभाग से जुड़े हुए थे
- अमेरिका के अश्वेतों के हक के लिए जीवन प्रयत्न संघर्ष करने वाले मार्टिन लूथर किंग 1959 में अपनी पत्नी के साथ महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर आए थे
- मार्टिन लूथर किंग के बाद अब तक विश्व और देश की कई बड़ी शख्सियत राजघाट पर महात्मा गांधी श्रद्धांजलि देने आ चुकी है*
- महात्मा गांधी का समाधी स्थल 31 जनवरी 1948 को उनकी हत्या के उपरांत बनाया गया था*
- भारत आए किसी भी प्रवासी प्रतिनिधि मंडल को राजघाट आकर पुष्पांजलि समर्पित करना अनिवार्य होता है*
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि देने दो बार आ चुके हैं*
- राजघाट के पास ही शांतिवन में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का समाधि स्थल है
राज घाट पर घूमने कब जाएं
राज घाट अप्रैल से सितंबर के बीच 5:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक खुला रहता है, और अक्टूबर से मार्च के महीनों के दौरान 5:30 बजे से शाम 7 बजे तक रहता है। यह सभी दिन खुला रहता है।
Join Us for daily update – Telegram YouTube Facebook Instagram