What is Aids ?
एड्स क्या है ? (What is Aids)
एड्स एक ऐसी बीमारी है जो HIV नामक वायरस के शरीर में आ जाने से होती है। इसका फ़ुल फ़ार्म एक्वायर्ड एमीनों डेफिशियेन्सी सिंड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) होता है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है
यूएन एड्स की ओर से जारी तथ्यात्मक आंकड़े
- जून, 2020 के अंत तक 26 मिलियन लोग एंटीवायरल थैरेपी ले चुके हैं।
- वर्ष 2019 तक 38 मिलियन लोग एड्स से पीडि़त थे। इनमें से 1.8 मिलियन मरीज 1-14 वर्ष तक के बच्चे थे। इनमें भी 7.1 मिलियन मरीज ऐसे थे, जिन्हें इस बीमारी के होने का पता ही नहीं था।
- 1.7 मिलियन लोग वर्ष 2019 में एड्स से पीडि़त हुए। वर्ष 2019 में 690000 लोगों की एड्स और उससे संबंधित बीमारियों से मृत्यु हुई।
- एड्स के वायरस की खोज से वर्ष 2019 की समाप्ति तक 75.7 मिलियन लोग इस बीमारी से पीडि़त हो चुके हैं। इनमें से 32.7 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
- प्रति सप्ताह 15-24 आयु वर्ग की 5500 महिलाएं एड्स से इंफेक्टेड हो रही हैं।
पहला मामला सन् 1981 में आया था सामने
- एड्स का पूरा नाम ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है।
- ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण से होने वाली इस बीमारी का पहला मामला सन् 1981 में सामने आया। इसे एड्स नाम 27 जुलाई, 1982 को दिया गया।
- भारत में एड्स का पहला मामला सन् 1986 में सामने आया। इसके बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय एड्स समिति का गठन किया। 1992 में भारत का पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-1999) शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) का गठन किया गया। प्रथम एनएसीपी (1992-1999) का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना था।
- इसके बाद इस खतरनाक बीमारी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने द्वितीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1999-2006)और तृतीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) (2007-2012) चलाए हैं। इसके बाद चौथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2012 से 2017 तक चलाया गया।
- वर्तमान में देश में एड्स को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वर्ष 2017 में National Strategic Plan, 2017-24 शुरू किया गया है। इसकी थीम Paving the Way for an AIDS Free India है। यानी वर्तमान में एड्स मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है।
- रेड रिबन एक्सप्रेस : रेड रिबन एक्सप्रेस कार्यक्रम के अंतर्गत 80 लाख लोग आते हैं। इसके अंतर्गत 81,000 निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को एचआईवी/एड्स के मुद्दों पर प्रशिक्षित किया गया ताकि वे गाँव-गाँव में जाकर लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकें। इसके अलावा नेहरु युवा केंद्र संगठन एवं अन्य युवा संगठनों की मदद से स्कूल नहीं जा सकने वाले युवाओं को भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताया गया एवं उन्हें एड्स संबंधित जानकारियाँ दी गई। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, प्राधिकृत सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायक नर्सों एवं पंचायती राज संस्था के सदस्यों को एचआईवी/एड्स संबंधित विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।
- भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 2.1 मिलियन लोग एड्स से पीडि़त हैं।
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एड्स के कारण – aids kaise hota hai in hindi
- संक्रमित खून चढ़ाने से।
- अनसेफ सेक्स करने से।
- इन्फेक्टेड ब्लेड उपयोग करने से।
- एचआईवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में।
- एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार उपयोग करने से।
एचआईवी के लक्षण? – aids ke lakshan in hindi
- एचआईवी/एड्स होने पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं…-बुखार आना, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्लम आदि।
एड्स से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज – aids ke roktham ke upay
एड्स एक जानलेवा बीमारी है। दुनिया भर के डॉक्टर और चिकित्सा वैज्ञानिक इसके कारगर इलाज की तलाश में लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं। एड्स को कोई समुचित इलाज उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस रोग से दूर रहने के लिए बचाव करना ही सबसे बेहतरीन इलाज है।
- एड्स से पीड़ित व्यक्ति को संभोग से दूर रहना चाहिए।
- संभोग के बाद मूत्र त्याग करके अपने गुप्तांगों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं।
- असुरक्षित सेक्स संबंध, समलैंगिक सेक्स संबंध और वेश्याओं से सेक्स करने से बचें। पत्नी को छोड़कर पर-स्त्रीगमन की आदत से परहेज करें।
- होठों पर घाव, खून का रिसाव हो तो चुम्बन से बचें। क्योंकि इस बीमारी के वायरस लार के माध्यम से आपके खून में पहुंचकर आपको इस रोग से पीड़ित कर सकते हैं।
- इंजेक्शन लगवाते समय डिस्पोजेबल सिरिंज और निडिल का ही प्रयोग करें।
- सैलूनों में शेविंग करवाते समय नई ब्लेड का उपयोग करने को कहें। एंटीसेप्टिक लोशन का इस्तेमाल हर बार करें। अन्य व्यक्तियों के ब्लेड या रेजर का उपयोग न करें।
- ब्लड को शरीर में लेने के पहले उसकी एच.आई.वी. मुक्त होने की जांच अवश्य करवा लें। अपने परिजनों, परिचितों और निकट संबंधियों का ब्लड ही उपयोग में लेने की कोशिश करें। प्रोफेशनल ब्लड डोनर के ब्लड को न खरीदें।
- एड्स से संक्रमित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि यह रोग उनके शिशुओं में भी संक्रमित हो जाता है।
- यदि किसी अविवाहित पुरुष या स्त्री एड्स से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि एड्स उनके जीवनसाथी और बच्चों को संक्रमित करके उनका जीवन बर्बाद कर देगा।
Aids important question in hindi
- एड्स का पहला मरीज कहां मिला था ? / aids ka pehla rogi kaha paya gaya
Ans. – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, एड्स का पहला मामला 1981 में किन्शासा शहर में सामने आया था. यह शहर अब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो की राजधानी है
- एड्स का फुल फॉर्म क्या है ? / aids ka full form kya hai
Ans. – ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ (Acquired Immune Deficiency Syndrome) है
- एड्स की खोज किसने की थी ?/ aids ki khoj kisne ki
Ans. – 1983 में फ्रांस के पाश्चर इंस्टिट्यूट के दो वैज्ञानिक, ल्यूक मॉन्टेगनियर और फ्रैंकोइस बर्रे सिनूसी ने एड्स से ग्रसित रोगी के सूजी हुई लिम्फ ग्रंथि से एक वायरस की खोज की,
- भारत में aids का पहला मरीज कब मिला
Ans. – 1986
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