Gk Skill की इस पोस्ट में आरती साहा ( Arati Saha ) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए आरती साहा ( Arati Saha ) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । Arati Saha Biography and Interesting Facts in Hindi.
स्मरणीय बिंदु:-
- आरती साहा इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई महिला तैराक थी!
- आरती साहा पदम श्री प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थी!
आरती साहा की जीवनी ( Arati Saha Biography ):-
पूरा नाम- आरती साहा गुप्ता
जन्म ( Born) – 24 सितंबर 1940
मृत्यु (Died) – 23 अगस्त 1994
जन्म स्थान- कोलकाता, पश्चिम बंगाल
पिता – पंचुगोपाल साहा
आरती साहा ( Arati Saha )
- इंग्लिस चैनल को पार करने वाली पहली एशियाई और पद्मश्री सम्मान पाने वाली पहली भारतीय महिला आरती साहा गुप्ता है
- आरती साहा ने ही डॉली नजीर का रिकॉर्ड भी तोड़ने का कारनामा किया था। उन्होंने 1951 में बंगाल स्टेट मीट में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में डॉली नजीर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 37.6 सेकंड का समय लिया था।
- आरती साहा का जन्म 24 सितम्बर, सन 1940 को कोलकाता , पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनका पूरा नाम आरती साहा गुप्ता है। उनके पिता का नाम पंचुगोपाल साहा था। आरती अपने पिता की तीन संतानों में दूसरी और दो बहनों में बड़ी थीं। उनके पिता सशस्त्र बल में एक साधारण कर्मचारी थे। जब आरती ढाई साल की थीं, तभी उनकी माता का देहान्त हो गया। उनके बड़े भाई छोटी बहन भारती को मामा के यहाँ रखा गया, जबकि आरती अपनी दादी के पास रहीं।
- जिन्होने 29 सितंबर के दिन इंग्लिस चैनल को पार कर पहली एशियाई महिला के तौर पर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया। आरती साहा ने यह करनामा वर्ष 1959 में करके दिखाया था और 1960 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। आरती साहा पद्मश्री प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाडी थी।
- आरती साहा ने 4 साल की कम उम्र से तैराकी शुरू की थी,वह अपने चाचा के साथ चंपताला घाट पर नहाने के लिए जाया करती थीं जहाँ उन्होंने तैरना सीख लिया था। जब उनके पिता ने देखा कि आरती की दिलचस्पी तैरने में है तो उन्होंने अपनी बेटी को हटखोला स्वीमिंग क्लब में भर्ती करा दिया। सन 1946 में मात्र पाँच वर्ष की आयु में आरती साहा ने शैलेन्द्र मेमोरियल स्वीमिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। यह उनके तैराकी कॅरियर की शुरुआत थी। और उन्होंने मात्र 19 साल की उम्र में इंग्लिस चैनल को पार कर दुनिया को लोगो को हैरत में डाल दिया था। फ़्रांस में केप ग्रिस नेज और इंग्लैंड के सैंडगेट के बीच पड़ने वाली 69 किलोमीटर की दुरी को उन्होंने महज 16 घंटे 20 मिनट में तय करके दिखाया था।
- आरती साहा ने अपने 6 साल स्टेट करियर में कुल 22 इनाम जीते थे। यें सारे इनाम उन्होंने 1945 से 1951 के बीच जीते थे। उनके पास डॉली नजीर का रिकॉर्ड ब्रेक कर एक नया रिकॉर्ड भी है। उन्होंने 1951 में बंगाल स्टेट मीट में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में डॉली नजीर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 37.6 सेकंड का समय लिया था।
- अराती साहा का जीवन 23 अगस्त 1994 को वेस्ट बंगाल में समाप्त हुआ था उनकी मौत की वजह पीलिया को माना जाता है लेकिन मौत से पहले यह महिला ने अपने जीवन को अपनी उपलब्धियों से अमर बना चुकी थी। भारतीय डाक ने उनके जीवन से महिलाओं को प्रेरित करने के लिए 1998 में एक डाक टिकट भी जारी किया था।
आरती साहा ( Arati Saha ) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर जो प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। यह उन विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। यह प्रश्नोत्तरी एसएससी (SSC), यूपीएससी (UPSC), रेलवे (Railway), बैंकिंग (Banking) तथा अन्य परीक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQs):
- इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई महिला तैराक कौन थी? – आरती साहा
- पद्म श्री प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी कौन थी ? – आरती साहा
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