वन्दे मातरम् – Vande Mataram का अर्थ है “हे माँ मैं तेरी वन्दना करता हूं” ! वन्दे मातरम को सर्वप्रथम 1876 में भारत की प्रसंशा में लिखा गया था और इसे बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने 1882 में अपने उपन्यास आनंदमठ में प्रकाशित किया था। 1950 में भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था। यह गीत मातृभूमि की महिमा और समृद्धि की कामना करता है। इस कविता को बंगाली और संस्कृत में लिखा गया था। आइए जानते है भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम के बारे में –
वन्दे मातरम को भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में कब अपनाया गया | 1950 में |
भारत के राष्ट्रीय गीत को कहां से लिया गया है | बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनंदमठ से |
वन्दे मातरम को पहली बार कब गया | 1896 में कलकत्ता में कांग्रेस अधिवेशन में |
वन्दे मातरम कब लिखा गया था | 9 नबंवर 1876 को |
“राष्ट्रिय गीत” वन्दे मातरम् – Vande Mataram National Song Of India
- वन्दे मातरम गीत बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा मूल रूप से संस्कृत और बंगाली में रचा गया है; यह स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। इसका स्थान जन गण मन के बराबर है।
- 24 जनवरी 1950 को घटक विधानसभा द्वारा अपनाया गया था। जदुनाथ भट्टाचार्य ने वंदे मातरम संगीत की रचना की।
- राष्ट्रगान’ और ‘राष्ट्रीय गीत’ किसी भी देश की वो धरोहर होती हैं, जिससे उस राष्ट्र की पहचान जुड़ी हुई होती है।
- एडमिनिस्ट्रेशन “गॉड सेव दी क्वीन” का प्रचार करने की कोशिश कर रहा था लेकिन भारतीयों को यह पसंद नही आया। कहा जाता है की वंदेमातरम् की रचना का विचार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के दिमाग में 1876 में गवर्मेंट ऑफिसियल के पद पर रहते हुए आया था। उन्होंने हुगली नदी के पास (मल्लिक घाट के पास) चिनसुरा में वंदे मातरम लिखा।
- इसे पहली बार 1896 में कलकत्ता में कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया था। और इसे रबिन्द्रनाथ टैगोर ने गाया था। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मूल वंदे मातरम में 6 छंद हैं। इसका गद्य अनुवाद श्री अरबिंदो ने 20 नवंबर 1909 को कर्मयोगिन में किया था।
- वंदे मातरम’ पहली बार 1882 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित बंगाली उपन्यास ‘आनंदमठ’ में प्रकाशित हुआ था। कविता लिखे जाने के बाद जदुनाथ भट्टाचार्य ने इसे कंपोज़ (संगीत) भी किया था।
- ‘वंदे मातरम’ गीत को एआर रहमान, लता मंगेशकर और रविशंकर जैसे कई प्रमुख संगीतकारों ने भी संगीतबद्ध किया है। सबसे प्रसिद्ध 1997 में ए.आर. रहमान द्वारा कंपोज़ किया हुआ वर्जन है, जिन्होंने 50 वे भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर इसे कंपोज़ किया था।
- 20 नवम्बर 1909 को इस पूरी कविता को श्री औरोबिन्दो ने साप्ताहिक अखबार कर्मयोगीं में इसका हिंदी रूपांतर किया था। श्री औरोबिन्दो ने और दूसरी भी बहुत सी भाषाओ में भी इस गीत का अनुवाद किया गया है।
- ‘वंदे मातरम’ न केवल हमारे दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत करने में मदद करता है बल्कि यह हमारी मातृभूमि और हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि भी देता है।
- ब्रिटिश सरकार ने ‘आनंदमठ’ पुस्तक और ‘वंदे मातरम’ गीत पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इसे उनके खिलाफ विद्रोह के एक तरीके के रूप में देखा गया था।
- इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था और इसे रवींद्र नाथ टैगोर ने खुद गाया था।
- लाला लाजपत राय ने लाहौर से जिस जर्नल का प्रकाशन किया था उसका नाम वंदे मातरम रखा था
- अरविंद घोष ने इस गीत को अंग्रेजी में और आरिफ मोहम्मद खान ने उर्दू में अनुवाद किया
आज गर्व से हम सभी भारतीय “वंदेमातरम्” को बिना किसी धार्मिक भेदभाव के गाते है।
वन्दे मातरम्।
सुजलाम् सुफलाम्
मलयज शीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
वन्दे मातरम्।शुभ्रज्योत्स्ना
पुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमित
द्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीम्
सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम्
मातरम्।।
वन्दे मातरम्।
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