Gk Skill की इस पोस्ट में विनोबा भावे (Binova Bhabe ) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए विनोबा भावे (Binova Bhabe ) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । Binova Bhabe Biography and Interesting Facts in Hindi.
स्मरणीय बिंदु:-
विनोबा भावे की जीवनी (Binova Bhabe Biography ):-
पूरा नाम- विनोबा भावे
जन्म ( Born) – 11 सितंबर 1895
मृत्यु (Died) – 15 नवंबर 1982
जन्म स्थान- कोलाबा, महाराष्ट्र
पिता – नरहरि शम्भू राव
माता – रुक्मिणी देवी
विनोबा भावे (Binova Bhabe )
- आचार्य विनोबा भावे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे
- उनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था
- उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है
- उनको भूदान आंदोलन के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली
- सामुदायिक नेतृत्व के लिए 1958 में अंतरराष्ट्रीय रेमन मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले वह पहले व्यक्ति थे
- 1983 में मरणोपरांत उनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया
- 11 सितंबर, 1895 को उनका जन्म महाराष्ट्र के कोलाबा जिले के गागोड गांव में हुआ था
- उनके पिता का नाम नरहरि शम्भू राव और माता का नाम रुक्मिणी देवी था
- उनके तीन भाई और एक बहन थीं
- उनकी माता रुक्मिणी काफी धार्मिक स्वाभाव वाली महिला थीं अध्यात्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा उनको मां से ही मिली थी
- छात्र जीवन में विनोबा को गणित में काफी रुचि थी
- काफी कम उम्र में ही भगवद गीता के अध्ययन के बाद उनके अंदर अध्यात्म की ओर रुझान पैदा हुआ
- उन्होंने सामाजिक जीवन को त्याग कर हिमालय में जाकर संत बनने का फैसला लिया था
- उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने का फैसला किया उन्होंने इस सिलसिले में देश के कोने-कोने की यात्रा करनी शुरू कर दी
- वह क्षेत्रीय भाषा सीखते जाते और साथ ही शास्त्रों एवं संस्कृत का ज्ञान भी हासिल करते रहते
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में गांधी जी के भाषण से उनके अंदर बड़ा बदलाव आता है
- 1916 में जब वह इंटरमीडिएट की परीक्षा मुंबई देने जा रहे थे तो उन्होंने रास्ते में अपने स्कूल और कॉलेज के सभी सर्टिफिकेट जला दिए उन्होंने गांधीजी से पत्र के माध्यम से संपर्क किया
- 7 जून, 1916 को विनोबा भावे ने गांधीजी से भेंट की उन्हें गांधी के सिद्धांत और विचारधारा काफी पसंद आए उन्होंने गांधीजी को अपना राजनीतिक और आध्यात्मिक गुरु बनाने का फैसला किया
- स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी से ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 6 महीने के लिए जेल भेज दिया
- विनोबा भावे ने 13 सालों तक भूदान आंदोलन चलाया इस आंदोलन के माध्यम से वह गरीबों के लिए 44 लाख एकड़ भूमि दान के रूप में हासिल करने में सफल रहे उन जमीनों में से 13 लाख एकड़ जमीन को भूमिहीन किसानों के बीच बांट दिया गया
- विनोबा भावे के भूदान आंदोलन की न सिर्फ भारत बल्कि विश्व में भी काफी प्रशंसा हुई
- उन्होंने 1959 में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना की
- उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई किताबें लिखीं। ज्यादातर किताबें अध्यात्म पर थीं
- मराठी, तेलुगु, गुजराती, कन्नड़, हिंदी, उर्दू, इंग्लिश और संस्कृत समेत कई भाषाओं पर उनकी पकड़ थी
- 15 नवंबर, 1982 को देश के एक महान समाज सुधारक स्वर्ग सिधार गए
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