Gk Skill की इस पोस्ट में मदर टेरेसा (Mother Trassa ) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए मदर टेरेसा (Mother Trassa ) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । Mother Trassa Biography and Interesting Facts in Hindi.
स्मरणीय बिंदु:–
- मदर को 1979 मे विश्व के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल पुरस्कार और 1980 मे भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया
मदर टेरेसा की जीवनी (Mother Trassa Biography ):-
पूरा नाम- मदर टेरेसा
जन्म ( Born) – 26 August 1910
मृत्यु (Died) – 5 September 1997
जन्म स्थान- सोप्जे, उत्तर मैसिडोनिया
पिता – निकोला बोयाजू
माता – Dranafile Bojaxhiu
मदर टेरेसा (Mother Trassa )
- मदर ने अपना पूरा जीवन दीन – दुखियों की सेवा मे न्योछावर कर दिया था
- मदर का वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था
- मदर के पिता का नाम निकोला बोयाजू था यह एक दुकानदार थे
- मदर के दो भाई और एक बहन थी
- मदर एक सुन्दर जीवंत, अध्यनशील एंव परिश्रमी लड़की थी
- प्रथम विश्व युद्ध के समय मदर मात्र 4 साल की थी इस युद्ध ने इन्हें झकझोर कर रख दिया था
- मदर दीन दुखियों की सेवा करने वाली एक संस्था “मोडालिति” की सदस्य बन गई
- अग्नेस जब 12 वर्ष की थी तब उन्हें भारत के प्रति प्रेम हुआ और भारत आने के सपने देखने लगी
- 29 अगस्त 1928 को मदर भारत को ओर प्रस्थान किया और भारत को ही अपना कर्मस्थली बनाया
- मदर ने कलकत्ता में ‘लोरेटा कान्वेंट हाईस्कूल’ में भूगोल पढ़ाती थी और यहाँ पर वे ‘मेरी टेरेसा’ के नाम से जानी जाती थी
- 24 मई 1937 को उनके काम को देखकर नन परंपरा के मुताबिक उन्हे मदर की उपाधि मिली
- मदर ने 1949 मे गरीब, असहाय व अस्वस्थ लोगो की मदद के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की
- मदर ने कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए 1950 में “शांतिनगर” की स्थापना की
- इन्होने निर्मल ह्रदय और निर्मला शिशु भवन के नाम से आश्रम खोले जिनमे वे असाध्य बिमारी से पीड़ित रोगियो व गरीबो की सेवा करती थी
- मदर 1968 में रोम गई और वहां पर भी मानवता के लिए सेवा केंद्र स्थापित की
- जिन लोगो को समाज ने बाहर निकाला उन्हे इस महिला ने सहारा व प्रेम दिया
- 1970 में मदर ने लंदन सेवा आश्रम की स्थापना की
- मदर ने उत्तरी अमेरिका में गरीबों व भूखे-नंगे लोगो की सेवा के लिए सेवा केंद्र खोलें
- 1985 में मदर ने न्यूयार्क के ‘ग्रीन बिच बिलेज’ में एड्स पीड़ितों के इलाज के लिए ‘gift of love’ की स्थापना की
- मदर टेरेसा पर कुछ लोगो ने ईसाई बनाने का आरोप भी लगाया जिसे इन्होने झेला भी
- मदर को 1979 मे विश्व के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल पुरस्कार और 1980 मे भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया
- मदर को पद्मश्री, मेडल ऑफ फ्रीडम, रेमन मैग्सेस पुरस्सार, जैसे कई सम्मान भी मिली
- 5 सितंबर 1997 को मदर टेरेसा का निधन हो हुआ
- मदर टेरेसा महात्मा गाँधी के बाद दूसरी महान आत्मा थी जिन्हें बिना कोई सरकारी पद पर होंते हुए भी राजकीय सम्मान से दफनाया गया
- उनके निधन के 19 साल बाद 4 सितंबर 2016 को वेटिकन सिटी के सेँट पीटर्स स्क्वायर पर आयोजित समारोह मे रोमन कैथोलिक ईसाईयोँ के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने संत घोषित किया
- संत के सम्मान के बाद मदर टेरेसा की बातें साक्षात ईश्वर की बातें माने जाएंगी अब उनकी बातों का अनुकरण करना साक्षात ईश्वर के बताए मार्ग पर चलने के समान होगा
- मदर टेरेसा भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वह पहली महिला है जिन्हे वेटिकन मे ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओँ ने संत घोषित किया
- मरणोपरांत वह सबसे कम उम्र मे संत बनी है
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