Polio Kya Hai in Hindi
लगभग 35 साल पहले के समय में बच्चो को पोलियो होना एक आम बात थी। उस समय कई लोग इस बीमारी का शिकार हुए थे। किंतु भारत सरकार के कठिन प्रयासों से आज भारत में पोलियो केवल नाम है। भारत में पोलियो का अंतिम मामला पंजाब और गुजरात की रिपोर्ट में हुआ था। 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो से मुक्त बताया है। लोगो में पोलियो के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 24 अक्टूबर को पुरे विश्व में वर्ल्ड पोलियो डे मनाया जाता है। चलिए आज पोलियो के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते है।
क्या है पोलियो (Polio Kya Hai in Hindi)
- पोलियोमाइलाइटिस (पोलियो) अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जो कि मुख्यत: छोटे बच्चों (पांच वर्ष से कम आयु) को प्रभावित करता है।
- विषाणु मुख्यत: मल-मौखिक मार्ग के माध्यम या किसी सामान्य वाहन (उदाहरण के लिए दूषित पानी या भोजन) द्वारा व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलता है, और आंत में दोगुना हो जाता है, वहां से यह तंत्रिका तंत्र में पहुंच जाता है तथा पक्षाघात पैदा करता है।
- यह संक्रमण व्यक्ति के शरीर की रीढ़ की हड्डियों एव मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। जिसके कारण व्यक्ति को लकवा यानि शरीर के कुछ हिस्से ठीक से कार्य नहीं कर पाते है।
- पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकडऩ और अंगों में दर्द है।
- पोलियो को रोकने के लिए दो प्रकार के टीके लगाए जाते हैं। पहला है- ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) और दूसरा है- इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (आईपीवी)।
पोलियो होने के कारण क्या है ? (polio ke karan in hindi)
पोलियो निम्न कारण से हो सकते है। इनकी सूची इस प्रकार है।
- पोलियो वायरस दूषित पानी में और भोजन या वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से फैलता है। पोलियो इतना अधिक संक्रामक है। कि व्यक्ति के साथ रहने वाले को हो जाता है।
- पोलियो का संक्रमण कभी-कभी छींकने या खाँसने से भी यह वायरस संचार करता है। क्योंकि गले या आंतो में रहता है।
- संक्रमित मल के आस-पास आने वाली खिलौने जैसी वस्तुओं के प्रसरित होने के संपर्क में आने से व्यक्ति पोलियो वायरस से ग्रस्त हो जाता है।
- शौचालय में अक्सर कई लोग आते-जाते रहते है। लेकिन यदि शौचालय या फ्लस को संक्रमित व्यक्ति उपयोग किया हो। इसके बाद कोई स्वस्थ व्यक्ति वही शौचालय या फ्लस को उपयोग करता है तो उसे भी संक्रमण हो सकता है।
- यदि गर्भवती महिला वायरस यानि एचआईवी पॉजिटिव होती है। तो उसका बच्चा भी वायरस से संक्रमित हो सकता है।
पोलियो के लक्षण क्या है ? (polio ke lakshan in hindi)
- 38℃ या 100.4F का बुखार
- गले में ख़राश (sore throat)
- सिरदर्द (headache)
- पीठ में दर्द।
- पेट दर्द (abdominal pain)
- मांशपेशियों में दर्द (aching muscles)
- उबकाई और उलटी
- गर्दन में दर्द।
- मेनिनजाइटिस।
- बाहों या पैरों में दर्द या ऐठन होना।
पोलियो का इलाज क्या है ? (polio ka upchar in hindi)
पोलियो का इलाज मुख्य रूप से दो तरह से किया जाता है।
- पहला पोलियो की ड्राप के द्वारा 5 साल से कम आयु वाले बच्चो को पिलाकर किया जाता है।
- दूसरा पोलियो का इलाज इंजेक्शन के माध्यम से पोलियो ग्रस्त व्यक्ति को ठीक करने के लिए लगाया जाता है।
पोलियो से बचाव कैसे करें ? (polio se bachne ke upay in hindi)
- पोलियो से बचाव करने के लिए छोटे बच्चों को सही समय पर टिके लगवाना चाहिए।
- बच्चों को IVP के अनुसार चार खुराक दिए जाते है। इसमें 2 महीने, 4 महीने, 6 से 18 महीने, और 4 से 6 वर्ष में एक पोलियो का बूस्टर दिया जाता है।
- सीसीडी की सलाह के अनुसार पोलियो ग्रस्त इलाके में यात्रा करने से जाने से पहले अपने बच्चे के लिए पोलियो शॉट बूस्टर जरूर ले।
- इस बात का विशेष ध्यान रखे 5 साल तक के बच्चो को हमेशा पोलियो ड्राप पिलाना चाहिए। जिससे बच्चे को पोलियो की शिकायत ना हो।
Polio Kya Hai in Hindi
पोलियो से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न – Polio Important Questions in Hindi
- पोलियो की रोकथाम के लिए कौन सा अभियान चलाया गया?
Ans. – पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान
2. पोलियो का रोग कारक क्या है?
Ans. –पोलियोवायरस
3. पोलियो वैक्सीन की कितनी बूंद बच्चों को पिलाई जाती है?
Ans. –दो बूंद
4. पोलियो वैक्सीन का आविष्कार कब हुआ?
Ans. – ओरल पोलियो वैक्सीन का आविष्कार रूसी वैज्ञानिक डॉ. अल्बर्ट सेबिन ने सन् 1961 में किया था।
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