Gk Skill की इस पोस्ट में मंगल पांडे (Mangal Pandey) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस पोस्ट में दिए गए मंगल पांडे (Mangal Pandey) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी और आप इनके बारे में अपनी जानकारी बड़ा पाएंगे । Mangal Pandey Biography and Interesting Facts in Hindi.
मंगल पांडे की जीवनी (Mangal Pandey Biography )
पूरा नाम- मंगल पांडे (Mangal Pandey)
जन्म ( Born) – 19 जुलाई 1827
मृत्यु (Died) – 8 अप्रैल 1857
जन्म स्थान- नगवा बलिया
पिता – दिवाकर पांंडे
माता – अभैरानी पांडे
मंगल पांडे (Mangal Pandey)
- मंगल पांडे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम क्रांतिकारी थे
- भारत की आजादी की पहली लड़ाई अर्थात 1857 के संग्राम की शुरुआत इन्हीं के विद्रोह से शुरू हुआ था
- मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था
- मंगल पांडे का जन्म तारीख व स्थान पर अभी भी विवाद है
- मंगल पांडे के पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का अभय रानी देवी था
- मंगल पांडे एक बहन और तीन भाई थे
- मंगल पांडे जीवन भर अविवाहित थे
- एक बार मंगल किसी काम से अकबरपुर आए थे उसी समय ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना बनारस से लखनऊ जा रही थी मंगल सेना का मार्च देखने के लिए कौतुहलवश सड़क के किनारे आकर खड़े हो गये
- एक सैनिक अधिकारी ने मंगल पांडे को तगड़े और स्वस्थ देखकर सेना में भर्ती हो जाने का आग्रह किया, गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें रोजी-रोटी की मजबूरी ने अंग्रेजों की फौज में नौकरी करने पर मजबूर कर दिया
- 10 मई सन 1846 को मंगल पांडे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भर्ती हुए
- मंगल पांडे कोलकाता के पास बैरकपुर सैनिक छावनी में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की पैदल सेना के 1446 नंबर के सैनिक थे
- मंगल को वेतन के रूप में ₹7 प्रति महीना मिलता था
- 30 जनवरी 1857 को एक जमादार ने इन्हें यह बताया कि अंग्रेज जो कारतूस देते हैं वह गौ मांस का बना होता है
- गौ मांस के नाम पर मंगल पांडे आग बबूला हो गए और अपने साथी सैनिकों को भी बताएं तो वह भी क्रोधित हो गए
- 29 मार्च 1857 की सुबह बैरकपुर छावनी के परेड मैदान में मंगल पांडे ने अंग्रेजो के खिलाफ बिगुल फूंका था
- जनरल ह्राूसन ने एक जमादार को मंगल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया पर वह अनसुना कर दिया था क्योंकि वह भारतीय था इसलिए इसे 6 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई थी
- मिस्टर बासु घोड़े पर सवार होकर मंगल की तरफ आने लगे तो मंगल ने उनपर गोलिया दाग दी और वह नीचे गिर गए इस तरह आजादी की पहली गोली चली थी
- मंगल पांडे ने ह्राूसन के बीच में आने पर उसे भी गोली मार दिए थे और इस तरह पूरा बैरकपुर छावनी गोलियों से गूंज उठा था
- मंगल पांडे ने अपने साथी सैनिकों के साथ न देने पर खुद को गोली मार ली और घायल हो गए जिससे वह गिरफ्तार कर लिये गये
- मंगल पांडे को फांसी की सजा 18 अप्रैल 1857 को रखी गई थी पर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण उसके 10 दिन पहले ही 8 अप्रैल 1857 को इन्हें फांसी दे दी गई
- धर्म के लिहाज से कोई जल्लाद इन्हें फांसी देने को तैयार नहीं था इसलिए अंग्रेजों ने कोलकाता से एक जल्लाद को बुलाया था जिसे यह नहीं बताया गया कि उसे किसे फांसी देनी है
- मंगल पांडे जिस पलटन में थे, उसके सारे सैनिकों को सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि अंग्रेज़ों को शक था कि वो सभी मंगल पांडे जैसे विचार रखते है और किसी भी समय उनके खिलाफ़ विद्रोह कर सकते है
मंगल पांडे (Mangal Pandey) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर जो प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। यह उन विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। यह प्रश्नोत्तरी एसएससी (SSC), यूपीएससी (UPSC), रेलवे (Railway), बैंकिंग (Banking) तथा अन्य परीक्षाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQs):
मंगल पांडे को फांसी कब दी गई? – 8 अप्रैल 1857
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