Sagar District Important Facts in Hindi: सागर जिला बुंदेलखंड का प्रमुख जिला है यह जिला कृषि व पशुधन संपदा में काफी सम्पन्न है । सागर का इतिहास सन् 1600 से प्रारंभ होता है जब ऊदनशाह ने तालाब के किनारे स्थित वर्तमान किले स्थान पर एक छोटे किले का निर्माण करवा कर उस के पास परकोटा नाम का गांव बसाया था निहालशाह के वंशज ऊदनशाह द्वारा बसाया गया वही छोटा सा गांव आज सागर के नाम से जाना जाता है परकोटा अब शहर के बीचों बीच स्थित एक मोहल्ला है आइये जानते हैं सागर के बारे में परीक्षा उपयोगी जानकारी
Sagar District Important Facts in Hindi
- राहतगढ़ में किला है और राहतगढ़ जलप्रपात भी प्रसिद्ध है
- जवाहरलाल नेहरू राज्य पुलिस अकादमी सागर में है
- रहली का सूर्य मंदिर सागर में है यह सुनार और देहार नदियों के संगम पर स्थित है
- आगासोद में ओमान की सहायता से तेल रिफाइनरी स्थापित की गई है
- यहां पर सिद्धगॉंव औद्योगिक विकास केंद्र है
- माप-तौल प्रशिक्षण केंद्र – सागर
- फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री – सागर
- मंगल गिरी जैन तीर्थ स्थल सागर में स्थित है,
- सेना के महार रेजीमेंट का मुख्यालय – सागर
- सागर जिला मिनिरल प्रोसेसिंग और पत्थरों के लिए जाना जाता है
- सन् 1920 में रतौन सागर में माखनलाल चतुर्वेदी के नेतृत्व में कसाईखाना आन्दोलन हुआ
- नोरादेही वन्य जीव अभ्यारण क्षेत्रफल के आधार पर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण है,
- संत रविदास महाकुंभ का आयोजन सागर जिले में होता है,
- बीना में कीटनाशक संयंत्र स्थापित है और बीना रेल्वे जंक्शन भी है
- मध्यप्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा जिला [जनसंख्या में ] सागर है
- मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुल्क सागर जिले से थे,
- आबचंद की गुफाएं गधेरी नदी घाटी में है
- मध्य प्रदेश का पहला गोकुल ग्राम सागर जिले का रतोना गांव था,
- स्टील कांप्लेक्स सागर में है,
- सागर संभाग में कितने जिले आते हैं? – सागर ,दमोह ,पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी
- सागर में धमोनी का उर्स लगता है यह बालजीत शाह की मजार है जिन्हें अबुल फजल का गुरू माना जाता है
- सागर का ऐरण भारत का एक ऐसा स्थान है जहां पर सती प्रथा के प्रथम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं ई.पू. के एक लेख से पता चलता है कि गुप्त नरेश भानुगुप्त का सामन्त गोपराज हूणों के विरूध्द युद्ध करता हुआ मारा गया और उसकी पत्नी उसके साथ सती हो गई थी
- मध्य प्रदेश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय डॉ हरिसिंह गौर विश्विद्यालय है, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी, पहले इसे सागर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था वर्ष 1983 से इसका नाम डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा 2008 में प्राप्त हुआ
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